बिलासपुर
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा बिलासपुर से हवाई सेवा शुरू करने वाली जनहित याचिका की सुनवाई न्यायालय की डिवीज? बेंच में हुई। केंद्र के द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने पर न्यायालय ने चेतावनी देते हुए आदेश दिया कि अब और समय केंद्र को नहीं दिया जा सकता है। अगली सुनवाई से पहले स्टेटस रिपोर्ट पेश करें।
सोमवार को हाई कोर्ट में बिलासपुर से हवाई सेवा शुरू करने की दो याचिकाओं पर सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश पीआर रामचन्द्र ने कहा कि हमने उम्मीद लगाई थी कि केंद्र सरकार पिछले आदेश का पालन करते हुए बिलासपुर वासियों को नए वर्ष में हवाई सेवा की सौगात देगी। अभी तो सिर्फ राज्य सरकार की ओर से नामकरण हुआ है। न्यायालय ने कहा कि पिछले आदेश के पालन में कम से कम जगदलपुर जैसे टू सी लाइसेंस से ही एटीआर 600 की उड़ान चालू कर सकते थे, लेकिन नहीं किया गया। इससे केंद्र सरकार के नीयत पता चलता है। राज्य सरकार की तरफ से महाधिवक्ता सतीश वर्मा द्वारा बताया गया कि राज्य सरकार ने अपनी सर्वे रिपोर्ट और थ्री सी लाइसेंस के लिए आवेदन दे दिया है।
बिलासपुर हवाई सेवा के लिए तैयार है। प्रैक्टिसिंग बार के अध्यक्ष संदीप दुबे की तरफ से अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने एयर लाइंस कंपनी से बात की है। उनका कहना है कि केंद्रीय मंत्री हरदीप पूरी के 25 अगस्त को ट्वीट द्वारा घोषणा के पश्चात भी पांच माह से आदेश नहीं मिला है। आदेश के मिलने के बाद ही हम तीन माह में हवाई सेवा शुरू कर पाएंगे। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि एयरपोर्ट अथारिटी के द्वारा गलत जवाब दिया गया है कि हम सेवा शुरू करने आदेश जारी नहीं कर सकते हैं। इस पर सुदीप श्रीवास्तव ने बताया कि उड़ान योजना में ही लिखा है कि ये काम एयरपोर्ट अथारिटी का है तो वे गुमराह करने वाली बात क्यों कर रहे हैं। इस पर न्यायालय ने केंद्र सरकार पर नाराजगी व्यक्त की और अपने आदेश में कहा कि किसी भी हालत में केंद्र के तरफ से अगली सुनवाई तक स्टेटस रिपोर्ट पेश करें।
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